राज भाग – १

अंकुर अपने दादा-दादी को ढूंडते हुए मुम्बई से दिल्ली पहुँचता है | उसके पास दिल्ली का एड्रेस था | लेकिन उसे यहाँ पड़ोसी से पता लगता है कि उसके दादा रिटायरमेंट के बाद हिमाचल में अपने पैतृक घर नालागढ़ में रहने चले गये हैं |
वह अपने दादा-दादी से मिलने नालागढ़ के लिए चल देता है | वह अपने दादा-दादी से पहली बार मिल रहा था | इसके बावजूद उसके दादा-दादी उसे पहचान जाते हैं |

राज भाग – २

जोकि आज १६/५/२०२० को प्रकाशित हो रहा है | इस भाग में आपको पता चलेगा कि उसके दादा-दादी उसे कैसे और क्यों पहचान जाते हैं | अंकुर अकेला अपने दादा-दादी को क्यों ढूंड रहा था | वह क्या राज था जो उसके दादा-दादी एक दूसरे से छुपा रहे थे | ऐसे कई प्रश्नों का हल आपको इस अगले भाग में मिलेगा | यह बहुत ही मार्मिक भाग है | आप सब पढ़ियेगा ज़रूर | धन्यवाद |

Hindi Blog by Anil Sainger : 111437164

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