#केवल
कैकयी की कूटनीति केवल,
भरत को राजगद्दी पर बैठा सकती है।

जनता हो या राजा,मां हो या दास,
वन भेज कर भी हर जगह राम का था वास।

हो जूठ का साम्राज्य विशाल सही,
सत्य को जुका सकता नही।
Mahek parwani

Hindi Poem by Mahek Parwani : 111437061
करुनेश कंचन.. 4 years ago

कैकेयी सतयुग में कहां से आ गयी,रामराज में ये भला कहाँ से आ गयी...???.....राम की लीला है...!!...सतयुग कलियुग साथ-साथ..... चाहे जो भी हो लिखा तुमने शानदार..... 👌👌💐💐

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