अभी यादों में तुजसे मिलता हर रोज
तुजसे मिलने की खवाहिश रह गई मात्र ।

ये नादान दिल को कितना समझाया हर रोज
तेरे लौटने की उम्मीद रह गई मात्र ।।

#मात्र

Hindi Shayri by AVANI HIRAPARA : 111436581

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