सांवरि सुरत मेरे किशन मुरारि कि..
राधा न जाने क्यू उस पर वारि थी..
बात सदियों कि प्रीत कि ना होती..
गोरि राधा सावरे श्याम कि दीवानि ना होती..
Bhumi polara

Gujarati Poem by Bhumi Polara : 111435667

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