पगली हवा
ऐसी बही कि
उड़ा ले चली संग
सारे आवारा बादल
और
मनचले बादल
गुदगुदाती हवा
को चूमते हुए
साथ उसके झूमते हुए
बस गुनगुनाने लगे
और
भूल गए गरजना
भूल गए बरसना

:- भुवन पांडे

#पागल

Hindi Poem by Bhuwan Pande : 111434837

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