झूठ का सच ? भाग – 6

दोस्तों, हमें मुश्किलें सब बताते हैं लेकिन हल कोई नहीं बताता है | पहले दूसरे शासकों ने हमें आगे बढ़ने नहीं दिया | हमारे ज्ञान और ध्यान को विकसित नहीं होने दिया और आज धर्म, धार्मिक कर्म-काण्डी, कथा-वाचक, ध्यान और ज्ञान पर भाषण देने वाले हमें आगे नहीं बढ़ने दे रहे हैं | यह किसी एक धर्म में नहीं, सब धर्मों में हो रहा है |
दोस्तों, जैसा पहले भी कहा गया है कि हमारी आज की स्थिति का जिम्मेदार हमारा मन है | असल में तो हम मन को भी दोषी नहीं ठहरा सकते क्योंकि मन की तो फितरत ही ऐसी है | जिम्मेदार तो असल में हम हैं कि हम आत्मा की आवाज सुनने की बजाय मन की सुन रहे हैं | जिस प्रकार अग्नि का धर्म है जलाना उसी प्रकार मन का धर्म है भटकन देना | आज इन विषम परिस्थितियों के बावजूद भी एक बात सबसे अच्छी है कि युवा, आधुनिक, अत्याधुनिक, भिखारी. सम्पन्न या पूर्ण सम्पन्न सब में ईश्वर के प्रति आस्था और विश्वास दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है | अगर आस्था बढ़ रही है तो फिर आप इसे कलयुग कैसे कह सकते हैं | इस समय लोगों की आस्था तो सतयुग की आस्था से भी ज्यादा है | कमी सिर्फ एक ही है कि ये आस्था दिशाहीन है | और इसे दिशाहीन हमारे तथाकथित धर्मगुरुओं ने बनाया है | उन्हें भी मालूम है कि जिस दिन जनसाधारण को दिशा मिल गई उस दिन उनकी दूकान सदा के लिए बंद हो जायेगी |
दोस्तों, चिकित्सा विज्ञान मानता है कि हमारे शरीर में मस्तिष्क है और मस्तिष्क से ही हमें सारे आदेश मिलते हैं | मस्तिष्क कभी भी खाली नहीं बैठता है | उस में हर समय विचार पनपते ही रहते हैं | एक दिन में लगभग पचास से साठ हजार विचार उठते हैं | हम सोच या विचार को कभी भी किसी भी हालत में रोक नहीं सकते | हाँ, उसे दिशा अवश्य दे सकते हैं | चिकित्सा विज्ञान के अनुसार मन या आत्मा की कोई जगह शरीर में नहीं है | असल में वह सही कहता है | आध्यात्म के अनुसार विचार के पुंज या ढेर को ही मन या दिल कहते हैं | और जिस शक्ति से शरीर चलता है वह आत्मा है | मस्तिष्क में विचार भी पनपते रहते हैं और साथ ही साथ उनका विशलेषण भी होता रहता है | मन यानी दिल में पुराने नए अनुभव विश्लेषण हर समय होता रहता है | सब आपके मन का खेल है | तभी तो आध्यात्म कहता है कि अपने मन को साधो | सब सांसारिक दुःख और सुख असल में आपके मन के बनाये हुए हैं | इसे ही माया का नाम दिया गया है | ये माया-मोह मन का बनाया हुआ है |

Hindi Blog by Anil Sainger : 111433615

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