#परिचय

परिचय है ना मेरा
क्यू लेता है इम्तहान इतनी---

परिचय है ना मेरा
क्यू लेता है समय इतना---

परिचय है ना मेरा
क्यू करता है अनसुनी इतना---

परिचय है ना मेरा
क्यू सताता है मुझे इतना---

फिर भी तु चाहे जो भी कर
मुझसे परिचित हो ना तुम---

बनी रहूंगी अटल में जबतक
नहीं रिजेगा तु मुझसे---

Hindi Poem by Shree...Ripal Vyas : 111433318

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