झूठ का सच ? भाग – 4
दोस्तों, इस से पहले के भाग में कहीं सब बातों का हमारे झूठ बोलने से सीधे रूप में कोई लेना-देना नहीं है | लेकिन झूठ बोलने में वे सब सहायक अवश्य हैं | अब बात करते हैं कि असल कारण क्या है ?
असल कारण है हमारा मन - आइये, समझते हैं कि कैसे हमारा मन इसके लिए जिम्मेदार है |
दोस्तों, अंग्रेजो के राज से पहले भारत पर लगभग 700 से 800 साल के करीब मुग़ल साम्राज्य रहा (उत्तर भारत में 971 ई. में गजनी के महमूद से आगे का समय लिया गया है) | अगर कुल मिला कर कहें तो पूरे भारत पर आजाद होने से पहले लगभग एक हजार साल से भी ज्यादा समय दूसरों ने राज किया है | यह भी एक कारण है कि हम आजादी से पहले के तीन-चार सौ साल तो बहुत डर-डर कर रहे हैं | इस समय में हमारी सोच और कर्म पर दूसरी हकूमतों का बहुत दबाव पड़ा है | हमारे धर्मों ने हमें और डराया है क्योंकि उन्हें डर था कि हम लोग अपना धर्म छोड़ दूसरा धर्म न अपना लें | उसी दबाव के कारण आज हम आजादी का नाजायज फायदा उठा रहे हैं | हमने जितना समय घुट-घुट कर बिताया है अब उतना समय हम आजाद पंछी की तरह बिताना चाहते हैं | देश, प्रदेश, परिवार की रोकटोक ने एकल परिवार को जन्म दिया | अगर उस समय ज्यादा रोकटोक न लगाई जाती तो आज हम जो पागलपन देख रहे हैं वह न होता | यह इंसानी फितरत है कि हम बहुत जल्दी अपनी सीमाएँ भूल जाते हैं |
दोस्तों, मानसिक और शारीरिक स्वतंत्रता की ओर बेतहाशा भागते-भागते हमारे मन ने हमारे मस्तिष्क पर कब्जा कर लिया है | यह विदेशों में पहले ही था | अब हम विदेशी हो कर न देशी रहे और न विदेशी |
हमारे दिमाग ने अब वैसा ही सोचना शुरू कर दिया है जैसा हमारा मन कहता है | और मन हमेशा नया चाहता है | सच एक-सा है और सच हमेशा सच है और रहेगा | उसमें कोई नयापन नहीं है और मन से कब्जाए हम नया चाहते हैं | हर बार नया और आकर्षित सिर्फ और सिर्फ झूठ ही हो सकता है | झूठ को अनंत तरीकों से पेश किया जा सकता है और वह हर बार नया और आकर्षक ही लगेगा |
अब पीछे मुड़ कर देखिये आप क्या-क्या करते, चाहते या सोचते हैं : जैसे पत्नी, पति से या पति, पत्नी से पूछता है कि क्या मैं मोटी दिखती हूँ या अभी भी मैं आकर्षक दिखता हूँ तो इसका सीधा-सीधा मतलब है कि वह पूछने वाला पूरी तरह से जानता और मानता है कि वह क्या है लेकिन झूठ सुनना चाहता है और झूठी नजर से अपने को देखना चाहता है | ऐसे हजारों उदाहरण हैं | ये क्या है ? ये झूठ ही तो है | आप मन के प्रभाव में आ कर झूठ अढोना चाहते हैं |