#Heart
#दिल
लोग कैद हैं घरों में लेकिन,
दिल आज भी उड़ रहा उसके आसमानों में।
तन्हाइयों का सफर है तो क्या है,
दिल आज भी जुड़ रहा उसके अरमानों में।।

ये वक्त, ये बंदिशें, ये सख्तियां,
इन्हें कौन मानता है।
वक्त ठहरा नहीं, दिल पर पहरा नहीं,
सख्तियो से लड़ना ही मोहब्बत है।।

हवाएं तेज चलती हैं मोहब्बत के आशियानों में
दिल आज भी उड़ रहा उसके आसमानों में।।

इस दिल में दर्द क्या है, ये हम जानते हैं।
इस दिल को मर्ज क्या है, ये हम जानते हैं।।
क्या बताए तुम्हें राज - ए - मोहब्बत वफा
तुम्हारे उसूल, फर्ज क्या है, ये हम जानते हैं।।

वो मिलते हैं आज भी मुझसे उसी अंदाज में।
मै जिक्र करता नहीं उनकी किसी बेगानो में।।
लोग कैद हैं घरों में लेकिन,
दिल आज भी उड़ रहा उसके आसमानों में।।

Hindi Shayri by Jyoti Prakash Rai : 111431087

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