#सुनना
आज कोई बात जरूर है
जो मेरा रूठना लाजमी है
ए साथी तूने जरा सुनना है
यू सिकवा भी तो तुजसे है
जुदा ही हमे अगर होना है
फिर किस बात का रोना है
आखिरी बार चल फिर मिलते है
गीले सिकवे केसे दूर नही होते है
भावु जादव

Gujarati Poem by Bhavna Jadav : 111430455

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