समझो जिन्दगी की ये परिभाषा

जहाँ एक समय दिन है,
तो एक समय रात ।
एक समय बारिश है ,
तो एक समय अकाल ।।

समझो जिन्दगी की ये परिभाषा

जहाँ एक समय पुत्र है,
तो एक समय पिता ।
जहाँ एक समय कष्ट है,
तो एक समय आराम ।।

समझो जिन्दगी की ये परिभाषा

जहाँ एक समय दोस्त है ,
तो एक समय दुश्मन ।
जहाँ एक समय अपने है,
तो एक समय पराये ।।

समझो जिन्दगी की ये परिभाषा

गिन के मिले है दो पल,
क्या किसी से दुश्मनी ।
क्या किसी से शिकवा,
छोड़कर सारे अहंकार ।।

ऐसे जियो इस पल को ,
जो करे दूसरो का उपकार ।
ताकि याद रखे दुनिया ,
चले जाने के बाद ।।

समझो जिन्दगी की ये परिभाषा

Hindi Poem by Kalyan Singh : 111428748
Kalyan Singh 4 years ago

धन्यवाद 🙏🙏

shekhar kharadi Idriya 4 years ago

अति उत्तम...

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