वो कुछ आगे बढे तो में भी इजहार करू प्यार का उनसे,
इसी कशमकश में सारी जिंदगी अपनी यु-ही गुजर गयी ।
ना उन्होंने इजहार किया और ना मेने किया इजहार उनसे
साथ तो चले ताउम्र रेल पटरियों की तरह उम्र निकल गयी
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&&&&&&&&कमलेश शर्मा "कमल" 08/05/20&&&&
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