#Grow कितने भी दर्द लेकर, रिश्तों का भार सहकर, खुशियों की पुकार सुनकर, हम सब को साथ लेकर, बढ़ ही जाती है जिंदगी उम्मीद की मात्र एक किरण से जहां तांह उग ही आती है जिंदगी क्योंकि जीना इसी का नाम है।

Hindi Poem by Pallavi Saxena : 111426204

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