#क्षणिका
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जन्म - मरण,
मिलन - जुदाई,
धन - दौलत,
अपने - पराये,
और ये रिश्ते - नाते,
इससे तुम प्रीत मत करना
ये सब तो हैं बस.. मोह बंधन


Uma vaishnav
मौलिक और स्वरचित

Hindi Poem by Uma Vaishnav : 111423356

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