आईने के सामने जरा अपना "चेहरा" जरा लाइये तो हुज़ूर,
खुद -वा-खुद समझ आ जायेगा कि खताबार अब कोन है,
%%%%%%%कमलेश शर्मा "कमल" %05/05/20%%
#चेहरा

Hindi Shayri by कमलेश शर्मा कमल सीहोर म.प्र : 111423286

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