एकबार फिर अमीरीने गरीबी को हरा दिया,
स्वाभिमान छोड़कर दाने दाने का मोहताज बना दिया,
उसे कहा लेनी थी वख्त की रफ्तार अपने हाथ मे,
कुछ की भूल ने उस बेबस को गुनहगार बना दिया ।।

Hindi Quotes by HINA DASA : 111422780

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