सुबह सुबह घर के सामने ट्री गार्डन में अनायास उग आई करेले की उस बेल से कुछ करेले तोड़े। हल्के हरे ताजे छोटे-छोटे करेले जिन पर छोटे छोटे कंगूरे उनके सौंदर्य को दुगना कर रहे थे। करेले थोड़े थे लेकिन इतने थे कि दो लोगों के लिए काफी होंगे।सोच ही रही थी कि इन्हें कल बनाऊंगी तभी घर के सामने रहने वाली वह लड़की बाहर बालकनी में नजर आई। वह प्रेगनेंट है और इस लाॅकडाउन में जब सब्जी फल नहीं मिल रहे तब औरों की तरह दाल रोटी से काम चला रही होगी। यह विचार आते ही मैंने उसे आवाज लगाई और करेले उसे थमा दिये। लाॅकडाउन हम इंसानों की गलती हो सकती है लेकिन उस अजन्मे बच्चे की इसमें क्या गलती?
#महसूस