लघुकथा

' जान है तो जहान है '

ज्ञानप्रकाश 'पीयूष'

दादी ने अपनी पोती रितु से पूछा ,
"बेटी! कई दिनों से मैं देख रही हूं, तू दिन में कई-कई बार साबुन से मलमल का बहुत देर तक हाथ होती है।
मुंह पर मास्क भी लगाए रखती है। किसी का स्पर्श भी नहीं करती, दूर से ही हाथ जोड़कर प्रणाम कर लेती है।
बेटी, क्या बात है, मुझे बता।"
"दादी अम्मा, मैं ही क्या, आपने देखा होगा ,पापा ,भैया, मम्मा सभी साबुन व सेनेटाइजर से कम से कम बीस सेकंड तक
अच्छे से हाथ साफ करते हैं। आप भी अच्छी तरह से हाथ धो कर साफ-सफाई से रहा करो दादी अम्मा।"
"हां बेटी , तू ठीक कहती है । तेरे पापा बहुत दिनों से ऑफिस नहीं जा रहे । कहते हैं कोरोना वायरस फैला है। यह छूत की बीमारी है। संपर्क में आने से फैलती है ।पूरे देश में लॉक-डाउन लगा रखा है। किसी को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। बहुत जरूरी काम हो तो मास्क लगाकर बाहर निकलना चाहिए, भीड़ -भाड़ से बचना चाहिए।"
"हाँ, बेटी! तेरी बात बिल्कुल सही है। मैं भी अच्छे से हाथ धोया करूंगी। पूरी सावधानी से नियमों का पालन करूंगी।
जान है तो जहान है और सावधानी में ही सावधानी है।
*

ज्ञानप्रकाश 'पीयूष' आर.ई.एस.
पूर्व प्रिंसिपल,
1/258 मस्जिदवाली गली
तेलियान मोहल्ला,
सदर बाजार के समीप,सिरसा (हरि.)
पिनकोड-125055.
मो. 94145 -37902 ,70155-43276
ईमेल-gppeeyush@gmail.com

Hindi Story by Gyan Prakash Peeyush : 111421246
Neha Sharma 4 years ago

बहुत ही शानदार एवं समसामयिक लघुकथा हार्दिक शुभकामनायें आपको

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now