# Kavyotsav2.0
corona effect....
कब बजायेगी बाई घण्टी
बोल न मेरे बेटे बंटी
इतने में आते है बंटी के पापा
पहन कर मस्ती का साफा
सुनो जी कब आएगी काम वाली बाई
कब में पियूंगी उसके हाथ की चाय
चलो आप लगाओ पोछा
नहीं तो बना दूंगी आपका ओझा
अगर छुट्टियाँ नहीं करनी है बेकार
शाम के बर्तन धोना जोरदार
नहीं तो मैं दिखाउंगी कालिका का अवतार
बंद हो जायेगी तुम्हारी शब्दों की तलवार
बंटी के पापा हो गए चुप
बंटी भी गया छुप
बंटी के पापा बन गए आज्ञाकारी
घर की शेरनी थी उनपर भारी

Hindi Poem by Yakshita : 111418881

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