#प्रेम

ये आँखे खुली हैं पर हम फिर सोए हैं
हम नीन्द में नही ख़्वाबों के नसे में हैं

हा जानते हैं टूट जाएँगे इक पल में ही
हम फिर उम्मीदों के सपने संजोए है

कौन रख पाया हैं संभाल कर प्रेम को
गम तो सबके हिस्से ही आता रहता है

- Rj krish

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