अलग है बनावट दोनों की जब, तो ये तुलना क्यों.!?
हमसफ़र बनाया जो तुमने, फ़िर इतनी खिलाफत क्यों.!
माँगा था तूने मुझे और मैंने तुझे इश्क़ के दरबार में,
तो जीवन की रस्म अदायगी में सिर्फ़ हमसे उम्मीदें क्यों.!?
#बनावट

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Hindi Shayri by Shefali : 111414832

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