कि मोहब्बत की महफिल में ,
कुछ यूं नीलाम होते गए

कभी जान तो कभी ज़ालिम,
वो हमें कहते रहे

वो अपनी एक-एक शायरीओ में, Moni
हाले-ए-दिल बयां करते गये,

सब दाद देते रहे और
हम #जिज्ञासु बनके सुनते रहे

#जिज्ञासु
#જિજ્ઞાસુ

- Moni patel

Hindi Shayri by Moni Patel : 111411137

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