विश्व पुस्तक दिवस पर

पुस्तक गुरु को शत नमन , दूर करे अज्ञान।
ईश कृपा लवलेश से, जागे नव इंसान।।

धरती पर हैं पुस्तकें, सबसे अच्छी मित्र ।
हर कर ये अज्ञान को, करती हृदय पवित्र।।

कमी न खलती मित्र की, जब हो पुस्तक पास।
दूर करे अवसाद को , भर देती उल्लास ।।

पुस्तक देती ज्ञान का ,उजला नया प्रकाश।
जीवन की शुभ राह में, भर देती विश्वास।।

पुस्तक जीवन तम हरे,जागृत करे विवेक।
इसके सम्यक ज्ञान से ,खुलती राह अनेक।।

पुस्तक में गुण बहुत हैं,निर्मल करे विचार।
तम धरती अज्ञान का ,देती जन्म सुधार।।

जंगल में मंगल करे ,करे जगत उत्थान ।
नाश हीनता का करे ,पावन गीता ज्ञान।।
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ज्ञानप्रकाश 'पीयूष' आर.ई.एस.
पूर्व प्रिंसिपल,
1/258 मस्जिदवाली गली
तेलियान मोहल्ला,
सदर बाजार के समीप,सिरसा (हरि.)
पिनकोड-125055.
मो. 94145 -37902 ,70155-43276
ईमेल-gppeeyush@gmail.com

Hindi Poem by Gyan Prakash Peeyush : 111408321

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