आज बैठे घर में ख़ाली सोच रहा था मैं,
कैसे कुछ लोग मार सकते है doctors को जिनके हाथों में है देश।

जो दिन रात प्रहरी बन...कर रहे है सेवा,
कैसे कोई अनदेखा कर दे उन police वालों की सेवा।

क्या इसी दिन के लिए भगत सिंह ने दी थी क़ुर्बानी अपनी,
उज्ज्वल भारत का सपना लेकर गांधी चले थे दाँडी।

ऐसी महामारी में जहाँ इंसान का वजूद हो ख़तरे में,
कैसे भूल सकते है हिंदुस्तानी यहाँ अपनी अपनी ज़िम्मेदारी।।

#stay home #safe India


#उज्ज्वल

Hindi Poem by A A rajput : 111406366

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