सख्ती से नापसंद की हुई चीजे
मन को पीडा देती है।

गुलाब को काँटो का नापसंद होना
प्रेमी का प्रेमिका से बिछड़ना
हाथ का मैला होना
मन का उजाड होना
रिश्तो का सिसकना
आत्मा का बन्धन से मुक्त होना।

नापसंद की कुछ कहानियाँ है नापसंद
फिर भी कहानियाँ ठहरी रहेंगीं।

Hindi Poem by Neelam Samnani : 111392138

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