बीमारी से भी बढ़कर "भूख" होती है । कोरोना के सामने लड़ने के साथ साथ उन लोगो की भूख भी मिटानी होगी जो एक दिनकी रोटी कमाके जी रहे थे। भूख ना तो धर्म देखती है और ना तो कोई परिस्थिति, भूख सिर्फ़ इंसानियत नापती है। ऐसे मुश्किल हालातों पर ही हमे अपना मानवधर्म अच्छे से निभाना होता है । भूख के सामने सब धर्म बेबस है, भूख का कोई धर्म नहीं लेकिन, हर धर्म में भूख है, इसीलिए ऐसे गंभीर वक़्त पर हमें सब धर्म छोड़कर या फ़िर सब धर्म जोड़कर अपने आसपास की भूख मिटानी चाहिए । आईए साथ मिलकर देखते है की अपने आसपास कोई भूखा तो नहीं...!!

भूख ने हर धर्म को बांध रखा है
इंसान को आज भी इंसान रखा है

- जयदेव पुरोहित

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