अतीत चाहे कितना बुरा क्यों न हो
उसकी कड़वी यादें छुपा के रख
माज़ी दिनों पे रोने से क्या मिलेगा
रोयेगा और दिल को बिस्मिल करेगा
फिलहाल को गुलज़ार कर जीना सीख
#अतीत

Hindi Good Night by S Sinha : 111377008

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now