वक्त को काटना मत
उसे जीना!
खत्म हो जाएगा समंदर
उसे बूंद-बूंद पीना!
मेलों में है भीड़ बहुत
तुम हरगिज़ न खोना!
सांसो की डोर है नाज़ुक
ज़रा धीरे से ही छूना!
दूर रहकर ही लौटेगी रौनक
कुछ दिन नज़दीक न रहना!
Stayathome #IndiaFightsCorona

Hindi Poem by Ridj : 111374628

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