कोरोना का रोना

जब मंदिर मस्जिद पैसो से भरे पड़े हे
तो ये बताओ जुरूरत के वक़्त
अस्पताल क्यों कम पड़े हे

क्या उखाड़ लिया बड़ी बाते केहकर
मेरा देश बिखर गया बिना इलाज देखकर

अस्पताल मैं सहयोग करना है
या अपनी मौत का वियोग करना हे
ये तुजे ही तय करना हे

बीमारी बहार से आयी हे
तुजे अकेले ही लड़ना हे
अपनों के खातिर
तुजे घर में ही रेहना हे

कोरोना को यहाँ रोना ही हे
हर हल में उसे जाना ही हे
क्योंकी ये हमारा संकल्प हे
उसके पास और कोई न विकल्प हे


Stay Home , Stay Safe
Support the Government

कविता के रचनाकार:
वेद चन्द्रकांतभाई पटेल २४,गोकुल सोसाइटी , कड़ी ,गुजरात Mob.-9723989893

English Poem by Ved Patel : 111373974

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