#भटकना

दिलदार ए यार , तरसती है जिंदगी
वोह अंजुमन ए इश्क, है रेगीस्तानी,।।

भटकती है रुहानियत में, प्यासी रुह
मृगतृष्णा हकीकत में है, जिंदगानी ।।

Hindi Shayri by મોહનભાઈ આનંદ : 111372957

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