वो इस कदर रुलाता है हमें,
कि गुनाह हमारा ही हो।
अरे बस कर सितमगर,
कभी रहम भी तो कर।
चाहा ही तो था तुझे,
क्या यही कसूर हमारा था।

Priyanshi😊

Hindi Shayri by Priyanshi : 111362952

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