प्यार में जाने कितनी शिकस्त खाए बैठे हो
कहो अब किस कयामत के इंतज़ार में हो

टुकड़ों को जोड़ जोड़ ये रूह लिए घूम रहे
फ़िर झूठ कहोगे की अब भी प्यार मे हो

#दूरी

Hindi Shayri by Sushma Tiwari : 111361113

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now