रंग फागुन (होली ) के
या हो कुदरत के
जीवन में उतर ही जाते हैं
लाल टेसू मन में उमंग
और पीले पीले गुलमोहर
एक छाप दे जाते हैं
धानी चुनर ओढ़ के जब
खेत लहलहाते हैं
बदरंग होती ज़िन्दगी में
यह अपना असर छोड़ जाते हैं !

Hindi Poem by Ranju Bhatia : 111360896

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