खिलखिलाती हुयी तेरी हंसी
आज भी मेरे कानो में गूंजती है
जिन्दगी के हसीन पलों को
फिर से रूबरू कराती है

छनछनाती तेरे पायल की छनकार
आज भी मेरे दिल में छनकती है
दिल की जो मेरी है धड़कने
उसी से तो चलती है

आंखो  की वो हसीन चमक
आज भी मेरे आंखो में जिन्दा है
चमक तो उस चांद की भी है 
पर फीकी नजर आती है

स्वर्ग से भी हसीन  ये यादें
जिंदगी का सहारा बनती है
साथ तुम हो या ना हो
पास होने का एहसास कराती है 

#दूरी

Hindi Poem by Pravin Gaikwad : 111360743

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