नमस्कार दोस्तों,
आज कल सब जगह एक अनोखा ट्रेंड चल रहा है, इस ट्रेंड को क्या नाम दे, यही असमंजस है, आज कल हर कोई अपने आप को महान मानने लगा है, अगर कोई अच्छा काम कर लिया तो दस बार दुनिया को बताएंगे, और अगर किसिके भी साथ झगड़ा हो गया तो अपनी गलती तो मानेंगे नहीं, और तो और सामने वाले का दोष पूरी दुनिया को बताएंगे। लोग अपने आप को भगवान मान रहे हो ऐसी तस्वीर दिखने लगी है, आज कल लोगो का गुमान समाज की तस्वीर को चोट पहोंचा रहा हो ऐसा नजर आ रहा है, 'में ही कर सकता हूं' लोगो की इस सोच और ऐसे गुमान की वजह से ही हम स्व को खतरे में डाल रहे हैं। अपनी कला और कुदरत से मिली हर बक्षिस हमारा स्वाभिमान होना चाहिए, अभिमान नहीं।
में कर सकता हूं, ये आपका आत्म विश्वास है, लेकिन, "में ही कर सकता हूं" यह आपका गुमान और भ्रम है।
✍️ दावड़ा किशन "अवकाश"