हर फागुन,
कुछ गुलाल उन राहों पर बिखेरता हूं
जिनपे चलके तुम मिलने आओगी
अगर कभी ऐसा हो तुम आओ और मैं ना मिलूं
तो देखना एक गुलाल भरी राह
तुम्हे गंगा घाट तक लाएगी
मैं तुम्हे वहीं मिलूंगा भस्म बना हुआ
उस राह से एक चुटकी गुलाल उठा
मेरी राख में मिला देना..

#holi

Hindi Blog by Mayur Patel : 111358389

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