नए फैसले , नई उमंगें और नए से चेहरे हों ।
नई हंसी हो, नए हों आंसू, और ज़ज़्बात सुनहरे हों
कीलों के बिस्तर पर भी गहरी नींद की आशा हो ।
गूंगो के होंठो पर भी प्रेम की प्यारी भाषा हो ।
बैर न हो, मन मैल न हो, न बातों की गंदगी ।
शुभ भी हो, मंगल भी हो, ओर सुंदर हो ज़िन्दगी ।
#जिंदगी

Hindi Poem by VIKAS BHANTI : 111357775

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