कोई भी कार्य को उचित तरीके से करना चाहिते है तो उस काम मैं डूबना चाहिये भुगत कर कोई कार्य सार्थक नही होता चाहे वो ईश्वर का ध्यान, योग, पूजा पाठ पढ़ाई लिखाई कुछ भी हो। काम मे डूबना ही काम करने की सार्थकता है। जबरदस्ती भुगतना बेकार है इसलिये डूबने की कोशिश करनी चाहिये।
kunal saxena

Hindi Motivational by Kunal Saxena : 111341205

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now