अँधेरे रास्तों पर में चले चलता रहा ! उमीदो के दामन थामे भटकता रहा !

दिल में सजाये सपनो की करते हुए तलाश ! कभी गिरते तो कभी संभालते हुए !

हर पल मंज़िल की आस संजोये ! जिंदगी का गीत गुनगुनाता रहा !

Hindi Thought by Prashant Vyawhare : 111337128

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