आँखों मे प्यास हुआ करती थी
दिल में तुफान उठा करते थे ।
लोग आते थे गज़ल सुनने को
हम तेरी बात किया करते थे ।
सच समझते थे सब सपनो को
रात दिन घर में रहा करते थे ।
किसी विराने में तुझसे मिलकर
दिल में क्या फुल खिला करते थे ।
घर की दिवार सजाने की खातिर
हम तेरा नाम लिखा करते थे ।
कल तुझ को देखकर याद आया
हम भी महोब्बत किया करते थे ।
हम भी महोब्बत किया करते थे ।

Hindi Poem by Suresh Maurya : 111335853

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