तू ज्यादा सोच मत
हर पल यु थहर मत
ज़िंदगी जीने के लीए हे
सोचने के लीए नहि

ज़िन्दगी जल्द खतम हो जाएगी
मंज़िल अधूरी रह जाएगी
मुरखो की तरह तू भाग मत
यू उदास होकर बेठ मत
बस तु ज्यादा सोच मत

गलत सोच की वजह से
रास्ता भटक गया हे
सच बताउ
तू पागल सा हो गया हे

बच्चो की तरह सीखता जा
बुढो की तरहा भुलता जा

ज़िन्दगी की सांस लेता जा
सोचने की सांस छोडता जा
तू बस ज़िन्दगी जीता जा

कविता के रचनाकार:
वेद चन्द्रकांतभाई पटेल
२४,गोकुल सोसाइटी ,
कड़ी ,गुजरात
Mob.-9723989893

Gujarati Thought by Ved Patel : 111332830

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