तुम्हारा मंद - मंद मुस्कराना भी गज़ब
और मुस्करा कर पलकें झुकाना भी गज़ब
दबें पांव दिल के दरवाज़े पर तक आना भी गज़ब
और
कुछ सोचकर फिर चुपचाप चले जाना भी गज़ब ।

Hindi Romance by Dr Narendra Shukl : 111331297

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