एक कविता देश के नाम ~Tarak
अजब जादुई नज़ारा हैं आज हिंदुस्तान में,
दिख रहा तिरंगा गली,शहर हर दुकान में,
तिरंगे के रंग में देश मेरा रंगा खूबसूरत हैं,
पर क्यों इस खुशी को किसी दिन की जरूरत हैं।
क्यों रोज तिरंगा चहुओर नही लहराता हैं,
क्यों देशभक्ति का भजन रोज नहीं सुनाता हैं,
क्यों नसों में खून जज़्बे का रोज नही खोलता हैं,
क्यों हर रोज तू जय भारत माँ की नहीं बोलता हैं।
चौराहे पर वीर सपूतों,शहीदों की मूर्तियां जो हैं,
क्यों वो रोज फूल मालाओं से सजाई नही जाती हैं,
क्यों उनकी वीर गाथाएँ रोज सुनाई नहीं जाती हैं,
क्यों ये देशभक्ति की दिवाली रोज मनाई नहीं जाती हैं।
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