"मेरे साथी"
यू महफूज रख मुझे तेरी बाहों में मैं साहिल तो नहीं चाहती मगर तेरा साथ जरूर चाहती हूं मुझे नहीं फिक्र इस आलम की मुझे फिक्र है बस तेरे एक साथ कि
-बिंदु अनुराग   

Gujarati Shayri by Bindu _Maiyad : 111329787

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now