हमकों उनकी शरारत पसंद आ गयी।
उनको हमारी शराफत पसंद आ गयी।
फासला था फासला है,
हमको उनकी दिल्लगी पसंद आयी।
पर उनको हमारी दिवानगी पसंद ना आयी।

दिपक

Hindi Shayri by Deepak Tokalwad : 111325642

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