परायो को भी अपना मानती रही में,
अपने खजाने उनपे लूटाती रही में,
घाव देने वालों को ही,
अपना दर्द सुनाती रही में,
हद तो तब हो गई जब में
उनकी खुशी उनतक लाने में जूटगई..
और वो लोग मेरी खुशी मेरा घर बरबाद करने में जूटगए 😞😞😞
Ami patel

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