मुक्तक

न पूजा और ना हमको इबादत याद आती है।
नहीं कहता हूं कि कोई शिकायत याद आती है।।
बहा कर जो लहू अपना बिना गर्दन के लौटे हैं।
मुझे हर वक्त वीरों की शहादत याद आती है।।

रचनाकार
भरत सिंह रावत भोपाल
7999473420
9993685955

Hindi Blog by Bharat Singh Rawat Kavi : 111323872

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now