तुम भी .......
भावनाओ में जीते हो?
अहसास इसका
तब हुआ मुझको.
जब गिने दिन
तुमने हमारी मुलाक़ातो के,
प्यार के, बातो के,
और उन सपनो के............
जो सच नही होने थे शायद..............?

Hindi Poem by Ranju Bhatia : 111322008

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now