दुनिया की कड़वी सच्चाई,
दीपिका लेकर आयी है "छपाक" से..

हर एक मजबूर- लाचार की,
हिम्मत जगाई है "छपाक" से..

अब इस रोश और गुस्से को,
हथियार बनाना है "छपाक" से..

हर एक ज़ालिम गुनहगार में,
सलाखों का डर जगाना है "छपाक" से..

English Poem by Ikonic Vishal : 111321741

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