ठंड की चादर ओढ़े रात आयी है
ठिठुरती हुई मुस्कान आयी है
चाँद से सोचा ,चलो बात करें
पूछ लिया हमने कैसे हो
चाँद ने भी यही कह दिया
ठंड की चादर ओढ़े रात आयी है
ठिठुरती हुई मुस्कान आयी है
दोनों ठहाके लगाकर हंसने लगे
हम चाँद से बतियाने लगे।।

Hindi Shayri by Adhurikahani : 111321375

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